Egg spoilage अंडों में होने वाले विभिन्न defects और changes को दर्शाता है, जो उनकी quality और safety को प्रभावित करते हैं। ये defects visible और internal दोनों हो सकते हैं। Visible defects में cracks, leaks, loss of bloom/gloss, stains, और dirty spots शामिल होते हैं। Internal defects में meat spots, general bloodiness, या yolk में translucent spots शामिल हो सकते हैं। इन defects को detect करने के लिए candling का use किया जाता है, जिसमें transmitted light के जरिए अंडों की quality assess की जाती है।
भंडारण के दौरान अंडों में परिवर्तन (Changes During Storage of Eggs)
Storage के दौरान अंडों में कई प्रकार के changes होते हैं जो non-microbial और microbial दोनों कारणों से होते हैं।
- Non-Microbial Causes of Spoilage
- Moisture Loss: समय के साथ अंडे में moisture की कमी होती है, जिससे air cell का size बढ़ जाता है और अंडा shrink हो जाता है।
- Physical Changes:
- White part पतला और अधिक watery हो जाता है।
- Yolk का membrane कमजोर हो जाता है, जिससे yolk flatten या break हो सकता है।
- Egg white का pH लगभग 7.6 से बढ़कर 9.5 हो जाता है, जिससे इसकी quality प्रभावित होती है।
- Fertilized Eggs: Fertilized eggs में chick embryos का growth egg की quality को impact कर सकता है।
- Microbial Causes of Spoilage– Microbial spoilage तब होती है जब microbes अंडे को contaminate करते हैं और उनमें multiply करते हैं।
- Contamination Process:
- Microbes पहले अंडे के shell को contaminate करते हैं, जिसके लिए moist shell की जरूरत होती है।
- फिर microbes shell membranes को penetrate करते हैं, egg white या yolk में पहुंचकर grow करते हैं।
- Contamination Process:
Microbial Spoilage के प्रकार (Types of Microbial Spoilage in Eggs)
Egg spoilage माइक्रोबियल activities के कारण दो types की होती है: bacterial और fungal spoilage।
- Bacterial Spoilage:
- Green Rot: Pseudomonas fluorescens के कारण होता है, जिसमें egg white का color bright-green हो जाता है और odor fruity या sweetish होती है। अंडे की contents UV light में fluoresce कर सकती हैं।
- Colorless Rot: Pseudomonas spp., Acinetobacter, Alcaligenes, और कुछ coliform bacteria के कारण होता है। आमतौर पर ये yolk को impact करता है, जिससे disintegration या white incrustation होता है। Odor faint से highly offensive तक हो सकती है।
- Black Rot: Proteus spp. (खासकर Proteus melanovogenes), Pseudomonas, और Aeromonas के कारण होता है। इससे yolk black हो जाती है और muddy-brown color आता है, और hydrogen sulfide के कारण putrid odor होता है। गैस pressure भी develop हो सकती है।
- Pink Rot: Pseudomonas strains के कारण होता है, जिसमें yolk पर pink precipitate और egg white में pink color आ जाता है। ये green rot का advanced stage हो सकता है।
- Red Rot: Serratia spp. के कारण होता है, जो mild odor produce करता है और कम पाया जाता है।
- Fungal Spoilage:
- Pin-Spot Molding: Penicillium spp. (yellow, blue, green spots), Cladosporium spp. (dark-green या black spots), और Sporotrichum spp. (pink spots) के कारण होता है। ये fungi shell पर या shell के अंदर small colonies बनाते हैं।
- Superficial Fungal Spoilage: Penicillium, Cladosporium, Sporotrichum, Mucor, Thamnidium, Botrytis, और Alternaria जैसे fungi के कारण होता है। इसमें shell पर fuzz या whiskers जैसे growth होते हैं, खासकर high humidity में।
- Fungal Rotting: विभिन्न molds के कारण होता है, जैसे Sporotrichum द्वारा red rot और Cladosporium द्वारा black color।
Off-Flavors in Eggs Due to Spoilage
Egg spoilage के कारण taste भी खराब हो सकता है, जिससे अंडे अनपेक्षित लग सकते हैं।
- Musty Odor: Achromobacter perolens, Pseudomonas graveolens, और Pseudomonas mucidolens के कारण musty smell होती है।
- Hay Odor: Enterobacter cloacae के कारण hay-like flavor develop होता है।
- Fishy Flavors: Escherichia coli के कुछ strains अंडों में fishy taste पैदा करते हैं।
- “Cabbage-Water” Flavor: ये flavor type II black rot के कारण हो सकता है, और स्पष्ट rotting से पहले ही detect हो सकता है।
- Cold-Storage Taste: ये taste packing materials से absorb किया जा सकता है।
Egg spoilage कई factors से प्रभावित होती है, जैसे microbial और non-microbial causes। Spoilage के विभिन्न प्रकारों और कारणों को समझने से उचित preventive measures लिए जा सकते हैं, जिससे अंडों की quality और safety सुनिश्चित की जा सके। Regular checks और proper storage conditions अंडों की ताजगी बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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