Extension education का उद्देश्य विज्ञान और तकनीक के उपयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का विकास करना है। इसे एक planned educational activity के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि किसी random कार्य की तरह। ग्रामीण क्षेत्रों में extension work की सफलता के लिए इसमें participatory approaches को शामिल करना आवश्यक है। विस्तार कार्य में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए हमें विस्तार शिक्षा के सिद्धांत (principles) को समझना जरूरी है।
यह B.Sc. कृषि, बागवानी, पशु चिकित्सा विज्ञान के छात्रों और सहायक कृषि अधिकारी परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।
Main Principles of Extension Education with Examples
लोगों की जरूरतें और रुचियों का सिद्धांत (Principle of People’s Need and Interest)
Extension work को लोगों की वास्तविक जरूरतों और रुचियों के आधार पर तैयार किया जाना चाहिए। हर व्यक्ति, गांव, और क्षेत्र की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं, इसलिए एक ही कार्यक्रम सभी पर लागू नहीं किया जा सकता।
उदाहरण: यदि किसी गांव में पानी की कमी है, तो वहां के किसानों के लिए water conservation और efficient irrigation methods पर आधारित programme अधिक उपयोगी होगा, जबकि किसी दूसरे गांव में जहाँ मिट्टी की उर्वरता (soil fertility) कम है, वहां पर soil improvement techniques का training दिया जाना चाहिए।
जमीनी स्तर के संगठन का सिद्धांत (Principle of Grassroot Level Organization)
Extension work को local community के सहयोग से किया जाना चाहिए। Programme को local conditions के अनुसार adapt करना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हो सकें और इसके benefits देख सकें।
उदाहरण: यदि एक गांव में नई organic farming techniques को promote करना है, तो वहां के किसानों का एक समूह बनाकर, उन्हें नई विधियों का प्रयोग करने के लिए inspire किया जा सकता है। इससे अन्य किसान भी इस technique को अपनाने के लिए motivated होंगे।
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का सिद्धांत (Principle of Cultural Difference)
Extension work करते समय, हमें उन लोगों की culture और traditions का ध्यान रखना चाहिए जिनके साथ हम काम कर रहे हैं। लोगों के knowledge, skills, customs, और values को समझे बिना programme को सफलतापूर्वक implement करना मुश्किल है।
उदाहरण: अगर किसी community में महिलाओं का खेत में काम करना socially acceptable नहीं है, तो extension programme में महिलाओं के लिए home-based activities जैसे gardening या poultry farming पर जोर दिया जाना चाहिए।
सांस्कृतिक परिवर्तन का सिद्धांत (Principle of Cultural Change)
Extension education वहीं से शुरू होती है जहाँ से लोग पहले से जानते हैं और सोचते हैं। इसलिए, extension professionals को यह समझना जरूरी है कि किस इलाके में कौन सी practices और values मान्य हैं, ताकि local लोगों के लिए appropriate methods का चयन किया जा सके।
उदाहरण: यदि किसी गांव में chemical fertilizers का excessive use होता है, तो वहां extension workers जैविक खाद (organic manure) के benefits के बारे में जानकारी देकर धीरे-धीरे उनका दृष्टिकोण बदल सकते हैं।
सहयोग और जनभागीदारी का सिद्धांत (Principle of Cooperation and People’s Participation)
Extension work एक cooperative effort है, जिसमें ग्रामीण लोग और सरकारी अधिकारी मिलकर काम करते हैं। लोगों के सहयोग के बिना कोई भी programme सफल नहीं हो सकता। इसलिए, extension work में लोगों की participation को बढ़ावा देना आवश्यक है।
उदाहरण: यदि किसी गांव में फसल सुरक्षा (crop protection) पर कोई अभियान चलाया जा रहा है, तो किसानों के groups को इस campaign में शामिल कर, उन्हें training देना और उन्हें जिम्मेदारी देना, programme की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
लोकतांत्रिक दृष्टिकोण और विज्ञान का उपयोग (Principle of Applied Science and Democratic Approach)
Extension work democratic principles पर आधारित है, जहाँ discussions और suggestions के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं। Scientific discoveries को किसानों के लिए practical और useful बनाया जाता है, ताकि वे आसानी से उन्हें अपना सकें।
उदाहरण: किसी गांव में किसानों के साथ मिलकर discussion की जाए कि किस प्रकार की फसलें उनके क्षेत्र के लिए better होंगी, और इसके लिए scientifically validated जानकारी साझा की जाए।
करके सीखने का सिद्धांत (Principle of Learning by Doing)
इस सिद्धांत के अनुसार, किसानों को work करके सीखने के लिए encourage किया जाता है। जब किसान खुद work करते हैं, तो वे practical experience प्राप्त करते हैं और problems को समझ पाते हैं।
उदाहरण: किसी किसान को जैविक खाद (organic compost) तैयार करने के लिए कहा जाए और खुद से इसे बनाने का तरीका सिखाया जाए, ताकि वे इस process को बेहतर ढंग से समझ सकें।
विशेषज्ञों की सहायता का सिद्धांत (Principle of Trained Specialists)
Extension work में सभी subjects का knowledge एक ही व्यक्ति के पास होना संभव नहीं है। इसलिए, विभिन्न experts द्वारा किसानों को समय-समय पर training देना जरूरी होता है।
उदाहरण: अगर किसी गांव में pest management की समस्या है, तो entomology के expert को बुलाकर किसानों को proper information और solutions दिए जाएं।
शिक्षण विधियों में लचीलापन का सिद्धांत (Principle of Adaptability in Extension Teaching Methods)
लोगों और स्थानों के अनुसार differences होती हैं, इसलिए extension programmes में flexibility होना चाहिए। Teaching methods को भी इस तरह चुना जाना चाहिए कि वे लोगों की age, education, economic status, और gender के अनुसार प्रभावी ढंग से apply की जा सकें।
उदाहरण: युवा किसानों के लिए smartphone का उपयोग करके online training programmes तैयार किया जाए, जबकि वरिष्ठ किसानों के लिए traditional methods से training दिया जाए।
स्थानीय नेतृत्व का सिद्धांत (Principle of Leadership)
Extension work में local leaders की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्हें प्रशिक्षित कर, extension work में उनकी मदद ली जाती है क्योंकि लोग अपने local leaders पर ज्यादा trust करते हैं।
उदाहरण: किसी गांव में अगर युवा नेता खेती में नई तकनीक (new technology) अपना रहे हैं, तो उनके leadership में अन्य किसानों को भी प्रेरित किया जा सकता है।
पूरे परिवार का सिद्धांत (Principle of Whole Family)
Extension work तब अधिक successful होता है जब इसे पूरे परिवार के लिए किया जाता है, न कि केवल एक व्यक्ति के लिए। कार्यक्रम में पुरुष, महिला, और बच्चों सभी को शामिल करना चाहिए।
उदाहरण: यदि परिवार के सभी सदस्य जैविक खेती (organic farming) के लाभों के बारे में जानते हैं, तो वे इसे अपनाने के लिए एक साथ काम कर सकते हैं।
मूल्यांकन का सिद्धांत (Principle of Evaluation)
Extension work की सफलता का आकलन यह देख कर किया जाता है कि लोगों के knowledge, skills, और behavior में कितना बदलाव आया है, न कि सिर्फ कितने targets पूरे हुए।
उदाहरण: अगर किसान नई तकनीक अपनाते हैं और उनकी आय (income) में वृद्धि होती है, तो यह programme की success का संकेत है।
संतुष्टि का सिद्धांत (Principle of Satisfaction)
Extension work का अंतिम उद्देश्य किसानों और उनके परिवारों को satisfaction दिलाना है। जब लोग किसी समस्या का समाधान करते हैं, कोई नई कौशल (new skill) सीखते हैं, या अपनी स्थिति में सुधार करते हैं, तो वे satisfied होते हैं। Satisfaction ही extension work की सफलता की कुंजी है।
उदाहरण: यदि किसान नई फसल पद्धति अपनाकर better production प्राप्त करते हैं, तो उनकी satisfaction programme की success को दर्शाती है।
इन सिद्धांतों के साथ, ये examples extension education को सही दिशा देने और इसे सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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