भैंस मजबूत और शक्तिशाली जानवर हैं जो मुख्य रूप से उनके दूध और मांस के लिए पाले जाते हैं। भैंस पालन और उनकी नस्लों पर यह जानकारी विशेष रूप से छात्रों और परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। इस लेख में, हम भैंस के परिचय, वर्गीकरण और विभिन्न नस्लों के बारे में चर्चा करेंगे।
Table of Contents
श्रेणी | नस्लें |
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भारी नस्लें | मुर्रा, जाफराबादी, नीली रावी, नागपुरी |
मध्यम नस्लें | भदावरी, मेहसाना |
हल्की नस्लें | सूरती |
भैंस की नस्लें
1. मुर्रा
- उत्पत्ति स्थान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब
- विशेषताएं:
- छोटा सिर, जलेबी के घेरे जैसे घुण्डीदार सींग
- काले रंग का शरीर, मुंह, पैर, पूंछ पर सफेद धब्बे
- भारी शरीर, मुलायम त्वचा
- छोटे और दूर-दूर थन
- अन्य जानकारी: इसे कुण्डी या दिल्ली भैंस भी कहा जाता है। इसमें थन और गलकंबल नहीं होते हैं।
- उपयोगिता:
- दुग्ध क्षमता: 1800-2500 लीटर प्रति व्यांत
- दूध में वसा: 7 प्रतिशत
2. भदावरी
- उत्पत्ति स्थान: उत्तर प्रदेश का आगरा जिला
- विशेषताएं:
- तांबे जैसी लालिमा लिए बादामी रंग
- मध्यम आकार का शरीर, आगे से पतला और पीछे से चौड़ा
- चपटे, मोटे सींग जो पीछे की ओर मुड़े होते हैं
- छोटा अयन, उभरी हुई दुग्ध शिराएं
- अन्य जानकारी: दूध की वसा मात्रा सबसे अधिक होने के कारण घी उत्पादन के लिए अच्छी मानी जाती है।
- उपयोगिता:
- दुग्ध क्षमता: 900-1200 किग्रा प्रति व्यांत
- दूध में वसा: 12-14 प्रतिशत
3. सूरती
- उत्पत्ति स्थान: गुजरात
- विशेषताएं:
- मध्यम आकार, भूरा या हल्का काला रंग
- छोटे, दराती के आकार के सींग
- जबड़े के नीचे और अधरक्क्ष पर सफेद पट्टी
- सीधी पीठ, मोटी त्वचा
- सुविकसित अयन
- उपयोगिता:
- दुग्ध क्षमता: 1600-1700 किग्रा प्रति व्यांत
- दूध में वसा: 7.5 प्रतिशत
4. नीली
- उत्पत्ति स्थान: पंजाब
- विशेषताएं:
- काला या भूरा रंग, माथे, चेहरे, थूथन और पैरों पर सफेद चिन्ह
- मध्यम आकार, खुरदरा सिर
- लंबी और पतली पूंछ, गुच्छेदार और सफेद अंतिम भाग
- सुविकसित अयन, कभी-कभी गुलाबी धब्बे
- उपयोगिता:
- दुग्ध क्षमता: 1500-1800 किग्रा प्रति व्यांत
- दूध में वसा: 8-10 प्रतिशत
5. जाफराबादी
- उत्पत्ति स्थान: गुजरात
- विशेषताएं:
- भारी और लंबा शरीर
- काला रंग, भारी और उठा हुआ माथा
- चौड़े सींग जो गर्दन की तरफ झुके होते हैं
- सींग के आगे का भाग गोल छल्लेदार
- अन्य जानकारी: अच्छी खेती के लिए जानी जाती है, इसलिए दूध उत्पादन कम है।
- उपयोगिता:
- दुग्ध क्षमता: 900-1100 किग्रा प्रति व्यांत
- दूध में वसा: 7-9 प्रतिशत
6. मेहसाणा भैंस:
- उत्पत्ति: गुजरात (मेहसाणा, बनासकांठा, साबरकांठा, मध्य गुजरात)
- विशेषताएं
- मिश्रित काला-भूरा रंग
- मध्यम आकार के, पीछे की ओर मुड़े सींग
- शांत स्वभाव
- लंबा दूधकाल
- औसत दूध उत्पादन: 1200-1700 लीटर/ब्यांत
- दूध में वसा: 7-8%
- वजन: मादा – 420 किलो, नर – 500 किलो
- अन्य जानकारी: मुर्रा और सूरती के संकरण से बनी नस्ल है। इसे “चमकीला काला रंग” वाले भैंस के रूप में भी जाना जाता है।
नस्ल | उत्पत्ति | विशेषता | दुग्ध उत्पादन | वसा | भार |
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मुर्रा | पश्चिमी उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा | काला, चमकीला रंग, छोटे मुड़े हुए सींग, सर्वश्रेष्ठ दुधारू नस्ल | 1800-2500 लीटर/ब्यात | 7% | मादा – 500 kg, नर – 600 kg |
मेहसाणा | गुजरात | काला-भूरा रंग, मध्यम आकार के सींग, शांत स्वभाव, लंबा दूधकाल | 1200-1700 लीटर/ब्यात | 7-8% | मादा – 420 kg, नर – 500 kg |
जाफरावादी | गुजरात | हल्का काला रंग, बड़े-मोटे सींग, मिनी एलिफेंट के नाम से जाना जाता है, द्विकाजी प्रकार | 900-1100 लीटर/ब्यात | 7-9% | मादा – 420 kg, नर – 520 kg |
भदावरी | उत्तरप्रदेश | भूरा-काला रंग, ताँबे जैसा, गर्मी सहन करने की क्षमता सर्वाधिक | 800-1200 लीटर/ब्यात | 12-14% | मादा – 420 kg, नर – 600 kg |
सूरती | गुजरात | भूरा व हल्का काला रंग, मध्यम आकार, हँसिया/दाँतला/सिकल शैप सींग | 1600-1700 लीटर/ब्यात | 7.5% | मादा – 350-400 kg, नर – 450-500 kg |
नीली रावी | पंजाब | सामान्य काला रंग, सिर व पैरों में सफेद धब्बे, कजरी (भूरा) रंग की आँखें | 1500-1800 लीटर/ब्यात | 8-10% | मादा – 450 kg, नर – 500-600 kg |