जौ- Climate, Importance, Yield, Insect
जौ【BARLEY】
वानस्पतिक नाम- हार्डियम वल्गेयर
कुल- ग्रेमिनी या पोएसी
उत्पत्ति(Origin)- एबीसीनिया (इथोपिया)
2n – 14
वानस्पतिक नाम- हार्डियम वल्गेयर
कुल- ग्रेमिनी या पोएसी
उत्पत्ति(Origin)- एबीसीनिया (इथोपिया)
2n – 14
IMPORTANCE-
जो का उपयोग माल्ट, शराब,बियर आदि बनाने में किया जाता है।
जो का उपयोग माल्ट, शराब,बियर आदि बनाने में किया जाता है।
Climate-
इसके लिए शीतोष्ण,ठंडी और नम जलवायु उपयुक मानी जाती है जो कि अच्छी बढवार लिए 12 से 15 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त माना जाता है।
इसके लिए शीतोष्ण,ठंडी और नम जलवायु उपयुक मानी जाती है जो कि अच्छी बढवार लिए 12 से 15 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त माना जाता है।
Soil-
इस की खेती की लिए बलुई दोमट व दोमट भूमि उपयुक्त रहती है ।
इस की खेती की लिए बलुई दोमट व दोमट भूमि उपयुक्त रहती है ।
Varieties-
RDB 1, RD 57, राजकिरण, बिलाड़ा, RD 2035 etc.
RDB 1, RD 57, राजकिरण, बिलाड़ा, RD 2035 etc.
Seed Rate-
जौ की सामान्य बुआई के लिए 100kg/h बीज की मात्रा पर्याप्त मानी जाती है।
जौ की सामान्य बुआई के लिए 100kg/h बीज की मात्रा पर्याप्त मानी जाती है।
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Insects-
जौ की फसल में प्रमुख रुप से लगने वाले कीट दीमक, चेपा या एफिड कीट है।
जौ की फसल में प्रमुख रुप से लगने वाले कीट दीमक, चेपा या एफिड कीट है।
Disease-
1) covered Smut– यह कवक द्वारा फैलता है जो बाह्य बिजोड रोग है।
1) covered Smut– यह कवक द्वारा फैलता है जो बाह्य बिजोड रोग है।
2)Loose Smut– यह रोग भी कवक द्वारा फैलता है जो अन्तः बिजोड रोग है।
Yield-
जौ की सामान्य उपज 30-40kg/h प्राप्त हो जाती है।
Yield-
जौ की सामान्य उपज 30-40kg/h प्राप्त हो जाती है।