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सरसों【MUSTARD】
वानस्पतिक नाम- ब्रेसिका स्पिसिज
कुल- क्रूसीफेरी
उत्पत्ति(Origin)- चीन, भारत
2n – 20
कुल- क्रूसीफेरी
उत्पत्ति(Origin)- चीन, भारत
2n – 20
Importance–
सरसों के तेल का उपयोग खाद्यान्न में व सरसों से खली भी प्राप्त की जाती है भी प्राप्त की जाती है।
सरसों के तेल का उपयोग खाद्यान्न में व सरसों से खली भी प्राप्त की जाती है भी प्राप्त की जाती है।
Climate–
सरसों रबी ऋतु की फसल है इस की फसल के लिए 18 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त माना जाता है।
सरसों रबी ऋतु की फसल है इस की फसल के लिए 18 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त माना जाता है।
Varieties–
पूसा कल्याणी, पूसा बोल्ड, आरएच 30, वसुंधरा,स्वर्ण ज्योति, कृष्णा,आरएच 819।
पूसा कल्याणी, पूसा बोल्ड, आरएच 30, वसुंधरा,स्वर्ण ज्योति, कृष्णा,आरएच 819।
Seed Rate–
शुष्क क्षेत्रों के लिए 4 से 5 किलोग्राम व सिंचित क्षेत्रों के लिए 2.5 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त माना जाता है।
शुष्क क्षेत्रों के लिए 4 से 5 किलोग्राम व सिंचित क्षेत्रों के लिए 2.5 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त माना जाता है।
Disease–
1)सफ़ेद रोली– यह रोग सरसो में कवक द्वारा होता है। इसका प्रमुख लक्षण पुष्प विकृति का होना है।
2)डाउनी मिल्डयू– यह रोग भी कवक द्वारा फैलता है। इसके बचाव के लिए रिडोमिल 0.2% का छिड़काव करना चाहिए ।
3) क्लब रुट– यह रोग प्लाज्मोडियम द्वारा होता है।
1)सफ़ेद रोली– यह रोग सरसो में कवक द्वारा होता है। इसका प्रमुख लक्षण पुष्प विकृति का होना है।
2)डाउनी मिल्डयू– यह रोग भी कवक द्वारा फैलता है। इसके बचाव के लिए रिडोमिल 0.2% का छिड़काव करना चाहिए ।
3) क्लब रुट– यह रोग प्लाज्मोडियम द्वारा होता है।
Insects-
1) आरा मक्खी– यह कीट अंकुरण के 7-10 दिन में अधिक हानि पहुचता है।
1) आरा मक्खी– यह कीट अंकुरण के 7-10 दिन में अधिक हानि पहुचता है।
2) चेपा या मोयला- यह सरसो का प्रमुख कीट है। यह रोग फसल की देर से बुआई के कारण होता है। इसलिए फसल की बुआई समय पर कर लेनी चाहिये।
Yield–
सामान्य सरसों की उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है।
सामान्य सरसों की उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है।